Die Armenier besaßen bis zum 5. Jh. n. Chr. keine eigene Schrift. Die Felseninschriften von Wan sind mit assyrischen Keilschriften bedeckt und später schrieben die östlichen Armenier mit sassanidischen, die westlichen mit griechischen Zeichen. Keines dieser Alphabete genügte für die zahlreichen Laute der armenischen Sprache, weshalb, nach der traditionellen Überlieferung, der "heilige Bischof" Mesrop Maschtoz 406 n. Chr. ein armenisches Alphabet aufstellte. Bezüglich der Aussprache sind, neben der modernen, zwei Lesarten zu bemerken, die jüngere der türkischen Armenier, welche in Europa vor allem durch die Mechitaristen-Konvikte von Venedig und Wien bekannt geworden ist und die ältere, welche im 20. Jh. in Tiflis noch gebräuchlich war. Korium, ein Schüler von Mesrop, schreibt dem Bischof und Missionar ebenfalls die Schaffung des georgischen Alphabets zu, jedoch hat die Schrift der Georgier kaum Ähnlichkeiten mit der armenischen Schrift und georgische Gelehrte gehen davon aus, das König Farnavaz von Georgien dies veranlasste. Mit dem griechischen Alphabet stimmen beide Schriften nur in der alphabetischen Reihenfolge überein, jedoch ist diese Reihenfolge besonders in der armenischen Schrift vielfach durchbrochen. Im Schriftbild erinnern beide an semitische Schriften. Ursprünglich hatte die Schrift eine Uncialform, aus der sich die Minuskel und Versalien bildeten. Im Alphabetum armenum de Congregatio de propaganda fide, Rom 1784, ist eine aus Tieren, meist Vögeln, gebildete Schrift abgedruckt, welche die Form der alten Uncial (erkat 'agir), die bis zum 11. Jahrhundert gebraucht wurde, genau wiedergibt. Die armenische Schrift wird von links nach rechts geschrieben. Die Akzente sind der griechischen Schrift entlehnt und früher stand jede Minuskel, mit einem Akzent versehen, für eine Zahl (heute werden die unakzentuierten Versalien benutzt). Wie die Griechen kannten auch die Armenier kein Zeichen für die Null. Die harten Laute in der armenischen Sprache sind unten durch Verdopplung der Konsonanten angedeutet. |
moderner Name | Druckschrift | Kursiv | Aussprache | Ziffern | |||||||
jünger | älter | Zeichen | Wert | ||||||||
Ayb | ![]() |
![]() |
a | a | ![]() |
1 | |||||
Ben | ![]() |
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p | b | ![]() |
2 | |||||
Gim | ![]() |
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k | g | ![]() |
3 | |||||
Da | ![]() |
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t | d | ![]() |
4 | |||||
Ech' | ![]() |
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y | e | ![]() |
5 | |||||
Za | ![]() |
![]() |
z | z | ![]() |
6 | |||||
Eh | ![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
7 | |||||
Et' | ![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
8 | |||||
T'o | ![]() |
![]() |
th | tt | ![]() |
9 | |||||
Zhe | ![]() |
![]() |
ž | ž | ![]() |
10 | |||||
Ini | ![]() |
![]() |
i | i | ![]() |
20 | |||||
Liwn | ![]() |
![]() |
l | l | ![]() |
30 | |||||
Xeh | ![]() |
![]() |
x | x | ![]() |
40 | |||||
Ca | ![]() |
![]() |
dz | ts | ![]() |
50 | |||||
Ken | ![]() |
![]() |
g | g | ![]() |
60 | |||||
Ho | ![]() |
![]() |
h | h | ![]() |
70 | |||||
Ja | ![]() |
![]() |
ts | dz | ![]() |
80 | |||||
Ghat | ![]() |
![]() |
g | g | ![]() |
90 | |||||
Cheh | ![]() |
![]() |
dž | tš | ![]() |
100 | |||||
Men | ![]() |
![]() |
m | m | ![]() |
200 | |||||
Yi | ![]() |
![]() |
h', y | h' | ![]() |
300 | |||||
Now | ![]() |
![]() |
n | n | ![]() |
400 | |||||
Sha | ![]() |
![]() |
š | š | ![]() |
500 | |||||
O | ![]() |
![]() |
uo | o | ![]() |
600 | |||||
Ch'a | ![]() |
![]() |
tš | dž | ![]() |
700 | |||||
Peh | ![]() |
![]() |
b | p | ![]() |
800 | |||||
Jheh | ![]() |
![]() |
dš | ttš | ![]() |
900 | |||||
Rra | ![]() |
![]() |
rr | rr | ![]() |
1.000 | |||||
Seh | ![]() |
![]() |
s | s | ![]() |
2.000 | |||||
Vew | ![]() |
![]() |
w | w | ![]() |
3.000 | |||||
Tiwn | ![]() |
![]() |
d | t | ![]() |
4.000 | |||||
Reh | ![]() |
![]() |
r | r | ![]() |
5.000 | |||||
C'o | ![]() |
![]() |
ddz | tts | ![]() |
6.000 | |||||
Wiwn | ![]() |
![]() |
u | u | ![]() |
7.000 | |||||
P'iwr | ![]() |
![]() |
ph | pp | ![]() |
8.000 | |||||
K'eh | ![]() |
![]() |
kh | kk | ![]() |
9.000 | |||||
Oh | ![]() |
![]() |
o | ![]() |
![]() |
10.000 | |||||
Feh | ![]() |
![]() |
f | f | ![]() |
20.000 |
Figurale Schmuckbuchstaben, die für Buchtitel und Kapitelanfänge benutzt wurden:
![]() |
a | ![]() |
tt | ![]() |
dz | ![]() |
dž | ![]() |
r | ||||
![]() |
b | ![]() |
ž | ![]() |
gh | ![]() |
p | ![]() |
tts | ||||
![]() |
g | ![]() |
i | ![]() |
tš | ![]() |
ttš | ![]() |
u | ||||
![]() |
d | ![]() |
l | ![]() |
m | ![]() |
rr | ![]() |
pp | ||||
![]() |
e | ![]() |
x | ![]() |
h' | ![]() |
s | ![]() |
kk | ||||
![]() |
z | ![]() |
ts | ![]() |
n | ![]() |
w | ![]() |
![]() |
||||
![]() |
![]() |
![]() |
g | ![]() |
š | ![]() |
t | ![]() |
f | ||||
![]() |
![]() |
![]() |
h | ![]() |
o |
![]() ![]() ![]() ![]() |
a | ![]() ![]() ![]() |
ts | ![]() ![]() ![]() ![]() |
p | ||
![]() ![]() ![]() ![]() |
b | ![]() ![]() ![]() ![]() |
g | ![]() ![]() ![]() ![]() |
ttš | ||
![]() ![]() ![]() ![]() |
g | ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
h | ![]() ![]() ![]() ![]() |
rr | ||
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
d | ![]() ![]() ![]() ![]() |
dz | ![]() ![]() ![]() ![]() |
s | ||
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e | ![]() ![]() ![]() |
g | ![]() ![]() ![]() ![]() |
w | ||
![]() ![]() ![]() ![]() |
z | ![]() ![]() ![]() ![]() |
tš | ![]() ![]() ![]() ![]() |
t | ||
![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() |
![]() ![]() ![]() ![]() |
m | ![]() ![]() ![]() ![]() |
r | ||
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tt | ![]() ![]() ![]() |
h' | ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
tts | ||
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ž | ![]() ![]() ![]() ![]() |
n | ![]() ![]() ![]() ![]() |
u | ||
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i | ![]() ![]() ![]() |
š | ![]() ![]() ![]() ![]() |
pp | ||
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ie | ![]() ![]() ![]() ![]() |
o | ![]() ![]() ![]() |
kk | ||
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l | ![]() ![]() ![]() ![]() |
dž | ![]() |
f | ||
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